Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Jul 2021 · 1 min read

रंगे सियार रहल घाघ सभै

पइसा भी गइल परधानी मा
अर इज्जत भी गइल पानी मा

रंगे सियार रहल घाघ सभै
इहि राजेनीति कहानी मा

अपरे ही विकास करल नेता
रंग चढ़े का चुनर धानी मा

जो बरबाद हुए चाही वहि
चोर बने इस रजधानी मा

नेतागिरि अइसन छोरी बा
नास करल अपने जवानी मा

•••

2 Likes · 1 Comment · 306 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
View all
You may also like:
बाबा साहेब अम्बेडकर / मुसाफ़िर बैठा
बाबा साहेब अम्बेडकर / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
बुजुर्ग कहीं नहीं जाते ...( पितृ पक्ष अमावस्या विशेष )
बुजुर्ग कहीं नहीं जाते ...( पितृ पक्ष अमावस्या विशेष )
ओनिका सेतिया 'अनु '
रक्त संबंध
रक्त संबंध
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बचपन
बचपन
Vedha Singh
स्वयं से सवाल
स्वयं से सवाल
आनन्द मिश्र
*सुख से सबसे वे रहे, पेंशन जिनके पास (कुंडलिया)*
*सुख से सबसे वे रहे, पेंशन जिनके पास (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
काट  रहे  सब  पेड़   नहीं  यह, सोच  रहे  परिणाम भयावह।
काट रहे सब पेड़ नहीं यह, सोच रहे परिणाम भयावह।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दर्पण
दर्पण
Kanchan verma
बेहिसाब सवालों के तूफान।
बेहिसाब सवालों के तूफान।
Taj Mohammad
प्यारा सा गांव
प्यारा सा गांव
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
सबके हाथ में तराजू है ।
सबके हाथ में तराजू है ।
Ashwini sharma
मंहगाई, भ्रष्टाचार,
मंहगाई, भ्रष्टाचार,
*Author प्रणय प्रभात*
आतंकवाद को जड़ से मिटा दो
आतंकवाद को जड़ से मिटा दो
gurudeenverma198
न  सूरत, न  शोहरत, न  नाम  आता  है
न सूरत, न शोहरत, न नाम आता है
Anil Mishra Prahari
है जो बात अच्छी, वो सब ने ही मानी
है जो बात अच्छी, वो सब ने ही मानी
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मजदूर औ'र किसानों की बेबसी लिखेंगे।
मजदूर औ'र किसानों की बेबसी लिखेंगे।
सत्य कुमार प्रेमी
मतलबी किरदार
मतलबी किरदार
Aman Kumar Holy
अपना ही ख़ैर करने लगती है जिन्दगी;
अपना ही ख़ैर करने लगती है जिन्दगी;
manjula chauhan
,,........,,
,,........,,
शेखर सिंह
"मुर्गा"
Dr. Kishan tandon kranti
ध्यान सारा लगा था सफर की तरफ़
ध्यान सारा लगा था सफर की तरफ़
अरशद रसूल बदायूंनी
खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं
खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
2728.*पूर्णिका*
2728.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
धरा कठोर भले हो कितनी,
धरा कठोर भले हो कितनी,
Satish Srijan
जीवन समर्पित करदो.!
जीवन समर्पित करदो.!
Prabhudayal Raniwal
नज़रों में तेरी झाँकूँ तो, नज़ारे बाहें फैला कर बुलाते हैं।
नज़रों में तेरी झाँकूँ तो, नज़ारे बाहें फैला कर बुलाते हैं।
Manisha Manjari
"शहीद साथी"
Lohit Tamta
17)”माँ”
17)”माँ”
Sapna Arora
- मर चुकी इंसानियत -
- मर चुकी इंसानियत -
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
Loading...