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29 Dec 2018 · 1 min read

रंगत है

हाथ वक्त से छूटा दिखी सभी की रंगत है
साथ वक्त के चलना वक्त की जरूरत है

किसी की खुशियो को रौंद कर कभी न चला
खिले चेहरों से हमेशा मिली हमे राहत है

हमे जो भी लगा प्यारा दूर हो गया हमसे
है खुदा ने लिखी हमारी ऐसी ही किस्मत है

कुछ चराग जलाकर रौशन तो कर लिया आंगन
दिल मे दफन हमारे बहुत सी शिकायत है

सबने ही चेहरे पर अपने लगा रखा मुखौटा
कौन अपने कौन पराये बडी मुसीबत है

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