Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 May 2024 · 1 min read

योग ही स्वस्थ जीवन का योग है

#योग ही स्वस्थ जीवन का योग है

स्वस्थ जीवन पाना तो, रोज करो योग का मन।
दिनभर की थकान दूर करने, योग करे हम।

विश्व को पूरे, भारत ने सिखाया योग।
भगाया भारत ने, जग का सारा रोग।

तो चिंताग्रस्त रोगी भारत में क्यूँ।
रोज करीये योग, रोग भाग जायेंगे यूं।

योगी मुनि योग करके योग छोड़ गये।
फिर भी डिजीटल जमाना त्रस्तता से रोये।

जैसे करते हो हर दिन ईश्वर भक्ति।
साथ में योग करीये और बढेगी शक्ति।

बेहिसाब खा के वजन ना बढाया करो।
दिनभर श्रम सुबह सवेरे योग किया करो।

काम करते हंसते खेलते सजग रहना है।
तो योग करीये हजारो साल पुराने मुनियों का कहना है।

घर परिवार बीमारी से मुक्ति पाये।
बुढे बच्चे के साथ नीत योग करीये।

स्वस्थ जीवन निरोगी हो सबकी काया।
कई सालों से प्रसाद है योग की माया।

इसमें ना खर्चा होता रुपया पैसा।
जी चाहे जो खुद करे चाहे जैसा।

खुद योग करीये औरों को कराये।
अपने साथ साथ देश को समृद्ध बनाये।

स्वरचित मौलिक
कृष्णा वाघमारे, जालना, महाराष्ट्र.

Language: Hindi
88 Views
Books from krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
View all

You may also like these posts

प्रलोभन
प्रलोभन
Rajesh Kumar Kaurav
पुस्तक तो पुस्तक रहा, पाठक हुए महान।
पुस्तक तो पुस्तक रहा, पाठक हुए महान।
Manoj Mahato
थे हम
थे हम
सिद्धार्थ गोरखपुरी
छलावा
छलावा
आशा शैली
छोटी सी बात
छोटी सी बात
Shashi Mahajan
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Santosh Soni
दोहात्रयी. . .
दोहात्रयी. . .
sushil sarna
* धन्य अयोध्याधाम है *
* धन्य अयोध्याधाम है *
surenderpal vaidya
जनवासा अब है कहाँ,अब है कहाँ बरात (कुंडलिया)
जनवासा अब है कहाँ,अब है कहाँ बरात (कुंडलिया)
Ravi Prakash
मदनहर छंद
मदनहर छंद
Rambali Mishra
आया बसन्त आनन्द भरा
आया बसन्त आनन्द भरा
Surya Barman
हारे हुए परिंदे को अब सजर याद आता है
हारे हुए परिंदे को अब सजर याद आता है
डॉ. दीपक बवेजा
घृणा प्रेम की अनुपस्थिति है बस जागरूकता के साथ रूपांतरण करना
घृणा प्रेम की अनुपस्थिति है बस जागरूकता के साथ रूपांतरण करना
Ravikesh Jha
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
"ढिठाई"
Dr. Kishan tandon kranti
मेरा जीवन,मेरी सांसे सारा तोहफा तेरे नाम। मौसम की रंगीन मिज़ाजी,पछुवा पुरवा तेरे नाम। ❤️
मेरा जीवन,मेरी सांसे सारा तोहफा तेरे नाम। मौसम की रंगीन मिज़ाजी,पछुवा पुरवा तेरे नाम। ❤️
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
“तुम हो तो सब कुछ है”
“तुम हो तो सब कुछ है”
DrLakshman Jha Parimal
अंधकार जो छंट गया
अंधकार जो छंट गया
Mahender Singh
आओ!
आओ!
गुमनाम 'बाबा'
नारी : एक अतुल्य रचना....!
नारी : एक अतुल्य रचना....!
VEDANTA PATEL
प्यार का रिश्ता, जन्म का रिश्ता
प्यार का रिश्ता, जन्म का रिश्ता
Surinder blackpen
कोई कितना बिख़र गया कैसे ,
कोई कितना बिख़र गया कैसे ,
Dr fauzia Naseem shad
नन्ही परी और घमंडी बिल्ली मिनी
नन्ही परी और घमंडी बिल्ली मिनी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
पत्थर जैसे दिल से दिल लगाना पड़ता है,
पत्थर जैसे दिल से दिल लगाना पड़ता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
लोकशैली में तेवरी
लोकशैली में तेवरी
कवि रमेशराज
7. In Memoriam ( An Elegy )
7. In Memoriam ( An Elegy )
Ahtesham Ahmad
ख़ामोशी
ख़ामोशी
Dipak Kumar "Girja"
जो भुगत कर भी थोथी अकड़ से नहीं उबर पाते, उन्हें ऊपर वाला भी
जो भुगत कर भी थोथी अकड़ से नहीं उबर पाते, उन्हें ऊपर वाला भी
*प्रणय*
4363.*पूर्णिका*
4363.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वीर गाथा - डी के निवातिया
वीर गाथा - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
Loading...