*योग (बाल कविता)*
योग (बाल कविता)
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आओ मिलकर योग करेंगे
अपने भीतर सॉंस भरेंगे
देर रात में हमें न सोना
नींद न इस चक्कर में खोना
सुबह टहलने को सब जाओ
हवा साफ अति सुंदर पाओ
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451