ये सज़ा है कि दुआ है क्या है
ग़ज़ल
ये सज़ा है कि दुआ है क्या है
इश्क़ ने’मत है बला है क्या है
दाग़-ए-ख़ूँ , रंग-ए-हिना है, क्या है
तेरे दामन पे लगा है, क्या है
शोर है दिल की सदा है क्या है
कोई दस्तक है हवा है क्या है
नज़रें मिलते ही झुका लेती हो
ये हया है कि अदा है, क्या है
होश अपने जो मैं खो देता हूँ
तेरी आँखों में नशा है, क्या है
दरमियाँ तेरे मेरे है कुछ तो
ये तकब्बुर है अना है क्या है
पीठ पर मेरी चला है खंज़र
कोई इनआम-ए-वफ़ा है, क्या है
कितना देती है कसक दिल को सुकूँ
दर्द-ए-दिल है कि मज़ा है क्या है
शुक्रिया करते ‘अनीस’ आप मेरा
शुक्र या शिकवा, गिला है, क्या है
– अनीस शाह ‘अनीस’