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22 Feb 2024 · 1 min read

ये ‘लोग’ हैं!

जितना दूर रहने की कोशिश करोगे इनसे,
उतना ही ये तुम्हारे पीछे पड़ जाएंगे।
ये ‘लोग’ हैं! तुम कुछ न कर सको,
इसीलिए ये बहुत-कुछ कर जाएंगे।

तुम्हें ज़िन्दा न रहने देने के लिए,
ये ख़ुद भी मर जाएंगे।
ये ‘लोग’ हैं! तुम्हें नीचा दिखाने के लिए,
पहले ख़ुद की नज़रों को ऊपर उठाएंगे।

ज़रा-सा भी कुछ बोल दोगे इन्हें,
तो तुम पर “बद्तमीज़” होने का टैग लगाएंगे।
ये ‘लोग’ हैं! शराफ़त का अचार छोड़कर,
दोगलेपन के पापड़ बेलने लग जाएंगे।

गर कुछ करने चलोगे,
तब भी ये अपने ही विचार बताएंगे।
ये ‘लोग’ हैं! तुम कर सको इनके मन की,
इसलिए ये अपने जीवन का सार बताएंगे।

गर न करो कुछ भी,
तब भी ये अपना ज्ञान सुनाएंगे।
ये ‘लोग’ हैं! जानवरों-शैतानों की कैटेगरी में रहकर भी,
ख़ुद को इंसान बताएंगे।

तुम बैठ गए जो शान्ति से,
तो ये तुमसे लड़ जाएंगे।
ये ‘लोग’ हैं दोस्तों! तुम न कर सको आराम,
इसीलिए ये ख़ुद दौड़ लगाएंगे।

– Srishty Bansal

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