ये राजनेता
एक वेश्या भी धंधा करती है,
पर देह का..
क्योंकि पेट का सवाल उसे
स्त्री से,
वेश्या बनने को करता है
मजबूर ..
पर ये राजनेता,
देह के साथ बेच देते हैं..
ईमान, धर्म और देश..
क्योंकि इनका पेट ,
दलाली से नही भरता..
न ही धंधे से..
ये खा जाते हैं अक्सर..
लोकतंत्र भी,
चूस जाते हैं जनता का
खून,
पचा जाते हैं मांस के साथ,
हड्डियां भी..
ये गए गुज़रे हैं एक,
धंधे वाली वेश्या से भी..
कम से कम जो ,
ईमान का सौदा नही करती..
न इंसानियत का..