ये मुमकिन तो नही
हर बाग की किस्मत में गुलाब हो
यह मुमकिन तो नहीं।।
हर रात की किस्मत में चांद हो
यह मुमकिन तो नहीं।।
हर खुशकिस्मत की किस्मत में आप हो
यह मुमकिन तो नहीं ।।
तुम्हें हम याद करें और दीदार हो
यह मुमकिन तो नहीं ।।
कुछ रेत से ख्वाब सजा रखे हैं इन हथेलियों पर ,
पूरे हो जाएं यह मुमकिन तो नहीं।।
हमने भी अपनी आशा की किरण से बांध रखा है
यह सारा आकाश यह हमसे छूट जाए कहीं
यह मुमकिन तो नहीं।।