ये दौरे तूफां है तैयार कर लो।
गज़ल
1222………1222………122
ये दौरे तूफां है तैयार कर लो।
मुसलसल नाव औ’र पतवार कर लो।
निकल जाए न यूं ही वक्त सारा,
कि रहते वक्त आंखें चार कर लो।
खुशी दे गम खरीदो मुफलिसों के,
शुकूं पाना यही व्यापार कर लो।
ये महगाई सतायेगी अभी तो,
कि खाना कम अभी से यार कर लो।
बचानी जान है, लड़ना नहीं है,
इकट्ठे तुम सभी हथियार कर लो।
जिसे तुम खोजते मंदिर ओ मस्जिद,
कि हँसते बच्चे में दीदार कर लो।
मिटाने पर अमादा सिरफिरे हैं,
बचा लो प्रेमी दुनियाँ प्यार कर लो।
………✍️ प्रेमी