ये दुनियां पूंछती है।
ये दुनियां पूंछती है हमारें रिश्ते का नाम।
अब तुम ही बताओ चाहत को किस रिश्ते से पुकारें।।1।।
हमें खुद ना मालूम सबको क्या बताएं।
चीज ना है अहसासे दिल है जो सबको हम दिखाएं।।2।।
तुम कुछ हिम्मत तो दिखाओ ज़िंदगी में।
सारे हौसलें तुम्हारे फिरतो खुद ही परवाज़ बन जाएं।।3।।
अकीदा करों तुम हमारे अल्फाजों का।
हम वह नहीं हैं जो कह कर कुछ भी यूं मुकर जाएं।।4।।
अर्सा हुआ है अब तू भी लौटके आजा।
वो देखो उड़ें परिंदे शाम को अपने ही घर को आएं।।5।।
तुझसे है उसका है यूं रूह का राब्ता।
मां तो मां है तभी तो दिल उसका तेरे लिए घबराएं।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ