ये दाग क्यों जाते नहीं,
ये दाग क्यों जाते नहीं,
बुझती नहीं ये आग क्यों।
कलियाँ झुलसती हैं अभी,
जलते मिले ये बाग क्यों।।
— ननकी 11/09/2024
ये दाग क्यों जाते नहीं,
बुझती नहीं ये आग क्यों।
कलियाँ झुलसती हैं अभी,
जलते मिले ये बाग क्यों।।
— ननकी 11/09/2024