ये जो मोहब्बत है
ये जो मोहब्बत है
जो तुम्हें हुई है
जो किसी को हो रही है
कल के दिन खुद की गलती से
जब नाकाम हो जाओगे
या नाकाम कर दिए जाओगे
और जब खुद की सोच को
एक दायरे में बांध दोगे
कभी मरने की सोचोगे
कभी मारने की सोचोगे
जीवन को तुम वही
जब खत्म सोचोगे
कुछ पंक्तियां लिख दोगे
खुद को शायर कहोगे
अपने दोषों को न देख कर
जब रिश्तों में गलतियां ढूंढोगे
अपनी इच्छाओं से ज्यादा किसी
को अगर चाह लोगे
खुद के कलेजे पर पत्थर
खुद ही गीराओगे
मूर्ख बन जाओगे
व्यर्थ जीवन कर जाओगे
तुम दूसरो को गलत ज्ञान बताओगे
शायर बन जब शे’र सुनाओगे
‘प्यार इश्क़ पे खत्म होती है
ये वो नफ़रत है
ये जो मोहब्बत है’
बस तुम ही वो हो
जो कभी प्यार ना कर पाओगे।