“ये कैसा पैमाना?”
सरकार के लिए ये कैसा
विकास का पैमाना,
हर कोई जान-समझ रहा
अब नया ये जमाना।
सर्वे कराकर देखो सरकार
शराब के नशे में
उजड़े कितने घर-परिवार,
लूट चोरी डकैती अपहरण
कितने हुए बलात्कार?
अस्पताल डॉक्टर कोर्ट वकील
इसमें कितने धन-समय लगे
अब इसे कौन बतलाएगा,
कितने समाये काल के गाल में
इसकी गणना कौन कराएगा?
बस इतना सा सहयोग कर
नींद से जागो सरकार,
कभी अच्छा हो नहीं सकता
ये नशे का कारोबार।
-डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
भारत के 100 महान व्यक्तित्व में शामिल
एक साधारण व्यक्ति