Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Aug 2024 · 1 min read

“ये कैसा जमाना”

“ये कैसा जमाना”
महसूस करते हैं हम
नए दौर की बहती हवाओं को,
आधी बस्ती में हाय-तौबा
और आधी में जिन्दाबाद जारी है।

2 Likes · 2 Comments · 31 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
राजकुमारी
राजकुमारी
Johnny Ahmed 'क़ैस'
घायल मेरा प्यार....!
घायल मेरा प्यार....!
singh kunwar sarvendra vikram
छाले पड़ जाए अगर राह चलते
छाले पड़ जाए अगर राह चलते
Neeraj Mishra " नीर "
कुछ देर तुम ऐसे ही रहो
कुछ देर तुम ऐसे ही रहो
gurudeenverma198
जंग जीत कर भी सिकंदर खाली हाथ गया
जंग जीत कर भी सिकंदर खाली हाथ गया
VINOD CHAUHAN
हिंदी दिवस - 14 सितंबर
हिंदी दिवस - 14 सितंबर
Raju Gajbhiye
रंगों के रंगमंच पर हमें अपना बनाना हैं।
रंगों के रंगमंच पर हमें अपना बनाना हैं।
Neeraj Agarwal
है शामिल
है शामिल
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
आज देव दीपावली...
आज देव दीपावली...
डॉ.सीमा अग्रवाल
बावला
बावला
Ajay Mishra
आपकी बुद्धिमत्ता को कभी भी एक बार में नहीं आंका जा सकता क्यो
आपकी बुद्धिमत्ता को कभी भी एक बार में नहीं आंका जा सकता क्यो
Rj Anand Prajapati
राणा प्रताप
राणा प्रताप
Dr Archana Gupta
गुलमोहर
गुलमोहर
डॉ.स्नेहलता
फ़िलहाल देश को सबसे बड़ी ज़रुरत समर्थ और सशक्त विपक्ष की।
फ़िलहाल देश को सबसे बड़ी ज़रुरत समर्थ और सशक्त विपक्ष की।
*प्रणय प्रभात*
उनका शौक़ हैं मोहब्बत के अल्फ़ाज़ पढ़ना !
उनका शौक़ हैं मोहब्बत के अल्फ़ाज़ पढ़ना !
शेखर सिंह
भीतर का तूफान
भीतर का तूफान
Sandeep Pande
उजाले को वही कीमत करेगा
उजाले को वही कीमत करेगा
पूर्वार्थ
वक्त
वक्त
Prachi Verma
अपना तो कोई नहीं, देखी ठोकी बजाय।
अपना तो कोई नहीं, देखी ठोकी बजाय।
Indu Singh
अज्ञानी की कलम
अज्ञानी की कलम
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
बिहनन्हा के हल्का सा घाम कुछ याद दीलाथे ,
बिहनन्हा के हल्का सा घाम कुछ याद दीलाथे ,
Krishna Kumar ANANT
*ड्राइंग-रूम में सजी सुंदर पुस्तकें (हास्य व्यंग्य)*
*ड्राइंग-रूम में सजी सुंदर पुस्तकें (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
!! होली के दिन !!
!! होली के दिन !!
Chunnu Lal Gupta
लिव-इन रिलेशनशिप
लिव-इन रिलेशनशिप
लक्ष्मी सिंह
समंदर चाहते है किनारा कौन बनता है,
समंदर चाहते है किनारा कौन बनता है,
Vindhya Prakash Mishra
"इंसान बनना है"
Dr. Kishan tandon kranti
मनुष्य को
मनुष्य को
ओंकार मिश्र
3753.💐 *पूर्णिका* 💐
3753.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
खुश रहें मुस्कुराते रहें
खुश रहें मुस्कुराते रहें
PRADYUMNA AROTHIYA
Loading...