Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Sep 2021 · 2 min read

ये कैसा अजीब मुल्क है

ये कैसा अजीब मुल्क है।
*******************
ये कैसा अजीब मुल्क है,
काम कराने में लगता शुल्क है।
अगर शुल्क लेता पकड़ा जाए,
जेल जाना यहां निशुल्क है।।

डॉक्टर की सलाह लेने जाओ,
देना पड़ता उसे काफी शुल्क है।
अगर किसी से सलाह मांगो तो,
वह मिल जाती है निशुल्क है।।
ये कैसा अजीब मुल्क है।

अगर पानी की बोतल मांगो तो,
देना पड़ता बीस रुपए शुल्क है।
अगर प्याऊ से पानी मांगो तो,
वह मिलता बिल्कुल निशुल्क है।।
ये कैसा अजीब मुल्क है।

ये हमारा गरीबों का ही मुल्क है,
गरीबो को देना पड़ता शुल्क है।
अगर आप बाहुबली है मुल्क के
हर सुविधा मिलती निशुल्क है।।
ये कैसा अजीब मुल्क है।

ये काफी जनसंख्या का मुल्क है,
परिवार नियोजन पर लगता शुल्क है।
अगर आप नशबंदी कराओगो तुम,
वह यहां बिल्कुल निशुल्क है।।
ये कैसा अजीब मुल्क है।

ये चुनाओ का बडा मुल्क है,
पर्चा भरने में लगता शुल्क है।
अगर मतदान करना है आपको,
वह यहां बिल्कुल निशुल्क है।।
ये कैसा अजीब मुल्क है।

ये नेताओं का बड़ा मुल्क है,
जीतने के लिए देना पड़ता शुल्क है
अगर आप चुनाव जीत गए तो
फिर हर सुविधा यहां निशुल्क है।।
ये कैसा अजीब मुल्क है।

अगर आप बाल कटाने जाओगे,
नाई को देना पड़ता है शुल्क है।
ये प्रकृति का कैसा नियम है,
ये बाल उग जाते निशुल्क है।।
ये कैसा अजीब मुल्क है।

ये प्रजातंत्र का हमारा मुल्क है,
प्रजा पर यहां लगता शुल्क है।
प्रजातंत्र को चलाने वालो को,
मिलता यहां सब कुछ निशुल्क है।।
ये कैसा अजीब मुल्क है।

आर के रस्तोगी गुरुग्राम

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 221 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ram Krishan Rastogi
View all

You may also like these posts

हे पैमाना पुराना
हे पैमाना पुराना
Swami Ganganiya
उजले ख्वाब।
उजले ख्वाब।
Taj Mohammad
कर्ण का शौर्य
कर्ण का शौर्य
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
24/229. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/229. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जाना ही होगा 🙏🙏
जाना ही होगा 🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मृतशेष
मृतशेष
AJAY AMITABH SUMAN
(1ग़ज़ल) बंजर पड़ी हैं धरती देखें सभी नदी को
(1ग़ज़ल) बंजर पड़ी हैं धरती देखें सभी नदी को
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
बुद्धं शरणं गच्छामि
बुद्धं शरणं गच्छामि
Dr.Priya Soni Khare
राम हैं क्या ?
राम हैं क्या ?
ललकार भारद्वाज
ना मालूम क्यों अब भी हमको
ना मालूम क्यों अब भी हमको
gurudeenverma198
आत्म साध्य विचार
आत्म साध्य विचार
Neeraj Mishra " नीर "
रमेशराज की विरोधरस की मुक्तछंद कविताएँ—2.
रमेशराज की विरोधरस की मुक्तछंद कविताएँ—2.
कवि रमेशराज
छुआ  है  जब  से मैंने उम्र की ढलान को,
छुआ है जब से मैंने उम्र की ढलान को,
Dr fauzia Naseem shad
हिंदी भाषा हमारी आन बान शान...
हिंदी भाषा हमारी आन बान शान...
Harminder Kaur
*** कभी-कभी.....!!! ***
*** कभी-कभी.....!!! ***
VEDANTA PATEL
घर घर दीवाली
घर घर दीवाली
इंजी. संजय श्रीवास्तव
एक कहानी सुनाए बड़ी जोर से आई है।सुनोगे ना चलो सुन ही लो
एक कहानी सुनाए बड़ी जोर से आई है।सुनोगे ना चलो सुन ही लो
Rituraj shivem verma
"प्रेमी हूँ मैं"
Dr. Kishan tandon kranti
चन्द्रयान 3
चन्द्रयान 3
Neha
साथ..
साथ..
हिमांशु Kulshrestha
1) जी चाहता है...
1) जी चाहता है...
नेहा शर्मा 'नेह'
*जिनसे दूर नहान, सभी का है अभिनंदन (हास्य कुंडलिया)*
*जिनसे दूर नहान, सभी का है अभिनंदन (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मातृत्व
मातृत्व
Dr. Pradeep Kumar Sharma
स्वयं का न उपहास करो तुम , स्वाभिमान की राह वरो तुम
स्वयं का न उपहास करो तुम , स्वाभिमान की राह वरो तुम
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
जन्मदिन मुबारक
जन्मदिन मुबारक
Jyoti Roshni
मेरे दुःख -
मेरे दुःख -
पूर्वार्थ
महाकवि 'भास'
महाकवि 'भास'
Indu Singh
😘अमर जवानों की शान में😘
😘अमर जवानों की शान में😘
*प्रणय*
Loading...