Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Nov 2021 · 1 min read

ये कैसा अंदाज़ है उसका

ये कैसा अंदाज़ है उसका
हर कोई कायल है जिसका

हट जाता है अंधेरा
आ जाता है सवेरा
दिख जाए जब भी
मुझे वो महबूब मेरा।।

ये कैसा अंदाज़ है उसका
हर कोई कायल है जिसका

छुप जाते है गम
खुश हो जाते है हम
मिलता है मुझसे
जब भी मेरा हमदम।।

ये कैसा अंदाज़ है उसका
हर कोई कायल है जिसका

गहना है सादगी उसका
आकर्षक है रूप उसका
हवा में फैली है जो खुशबू, दे रही
पास होने का आभास उसका।।

ये कैसा अंदाज़ है उसका
हर कोई कायल है जिसका

आंखों में है नूर उसके
रह नहीं पाते हम दूर जिससे
हर कोई कायल है उसका
पूछो तुम हज़ूर जिससे।।

ये कैसा अंदाज़ है उसका
हर कोई कायल है जिसका

आता है जब महफिल में
खींचता है ध्यान सबका
रौनक बढ़ जाती महफिल की
चेहरा देता है बयान सबका।।

ये कैसा अंदाज़ है उसका
हर कोई कायल है जिसका

लेकर आता है ताज़गी फूलों की
चुरा लाता है शायद खुशबू उनकी
खिले गुलशन को साथ लेकर है चलता
पतझड़ में भी दिख रही बहार उसकी।।

ये कैसा अंदाज़ है उसका
हर कोई कायल है जिसका

दिल देता नहीं वो किसी को
बस दिल लूट लेता है सबका
उसकी अदाओं के जाल में
ये जहां फस चुका है कबका।।

Language: Hindi
4 Likes · 1 Comment · 366 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
View all
You may also like:
पाक दामन मैंने महबूब का थामा है जब से।
पाक दामन मैंने महबूब का थामा है जब से।
Phool gufran
किसी भी व्यक्ति का व्यक्तित्व पार्टी से कही बड़ा होता है एक
किसी भी व्यक्ति का व्यक्तित्व पार्टी से कही बड़ा होता है एक
Rj Anand Prajapati
दहेज़ …तेरा कोई अंत नहीं
दहेज़ …तेरा कोई अंत नहीं
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
किस्मत भी न जाने क्यों...
किस्मत भी न जाने क्यों...
डॉ.सीमा अग्रवाल
देव दीपावली कार्तिक पूर्णिमा
देव दीपावली कार्तिक पूर्णिमा
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कृष्ण कन्हैया घर में आए
कृष्ण कन्हैया घर में आए
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
"आत्म-मुग्ध" व "आत्म-केंद्रित" लोगों की मानवोचित व संवेदनात्
*प्रणय*
मुहब्बत की दुकान
मुहब्बत की दुकान
Shekhar Chandra Mitra
दादाजी ने कहा था
दादाजी ने कहा था
Shashi Mahajan
School ke bacho ko dusre shehar Matt bhejo
School ke bacho ko dusre shehar Matt bhejo
Tushar Jagawat
“सभी के काम तुम आओ”
“सभी के काम तुम आओ”
DrLakshman Jha Parimal
*नई राह पर नए कदम, लेकर चलने की चाह हो (हिंदी गजल)*
*नई राह पर नए कदम, लेकर चलने की चाह हो (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
"उस खत को"
Dr. Kishan tandon kranti
दोहा छंद
दोहा छंद
Seema Garg
Day moon
Day moon
Otteri Selvakumar
बोये बीज बबूल आम कहाँ से होय🙏🙏
बोये बीज बबूल आम कहाँ से होय🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मां कात्यायिनी स्तुति
मां कात्यायिनी स्तुति
मधुसूदन गौतम
2932.*पूर्णिका*
2932.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*फूलों सा एक शहर हो*
*फूलों सा एक शहर हो*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
एक दिन
एक दिन
हिमांशु Kulshrestha
सहमी -सहमी सी है नज़र तो नहीं
सहमी -सहमी सी है नज़र तो नहीं
Shweta Soni
भाग्य
भाग्य
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
Dear me
Dear me
पूर्वार्थ
जेठ कि भरी दोपहरी
जेठ कि भरी दोपहरी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
फ़ितरत को ज़माने की, ये क्या हो गया है
फ़ितरत को ज़माने की, ये क्या हो गया है
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मुफ़लिसों को बांटिए खुशियां खुशी से।
मुफ़लिसों को बांटिए खुशियां खुशी से।
सत्य कुमार प्रेमी
नववर्ष 2024 की अशेष हार्दिक शुभकामनाएँ(Happy New year 2024)
नववर्ष 2024 की अशेष हार्दिक शुभकामनाएँ(Happy New year 2024)
आर.एस. 'प्रीतम'
ज़िंदगी  ऐसी  जियो , ज़िंदा रहो  चहको सदा ,
ज़िंदगी ऐसी जियो , ज़िंदा रहो चहको सदा ,
Neelofar Khan
मिथ्या इस  संसार में,  अर्थहीन  सम्बंध।
मिथ्या इस संसार में, अर्थहीन सम्बंध।
sushil sarna
Loading...