ये करोना बड़ा ही दुष्ट
अरे!करोन! तू है तो बड़ा ही दुष्ट ,
जाने किस कारण से हुआ रूष्ट।
तेरी वजह से ही ये गहराया संकट ,
देश की परिस्थितियां बनी हैं विकट ।
जन धन की हानि से देश जूझ रहा ,
कोई उपाय भी अभी नहीं सूझ रहा ।
जनता और नेता दोनो समझते ही नहीं,
अपने ही स्वास्थ्य हेतु नियम मानते नहीं ।
बड़ा मक्कार और पक्षपाती है तू करोना ! ,
विद्यालय में जाए,मेलों/ रेलियों में क्यों न !!
तेरे दोगलेपन की कोई हद है ही नहीं !,
तेरे उपचार हेतु लक्षण भी स्पष्ट होते नहीं।
एक लहर खत्म होती नहीं और ले आता है,
और हर लहर में लाखो जीवन बहा ले जाता है ।
है तो यह इंसानों की ही करनी का फल ,
भुगत रहे मगर धरती के सारे प्राणी प्रति पल।
भगवान जाने! कब हमें निजात मिलेगी तुझसे ,
संकट में रहते है हर समय प्राण तेरी वजह से।
हे प्रभु ! इस महारोग से मुक्ति हमें दिलवा दो ,
फिर से वही बेफिक्री वाला जीवन हमें दिलवा दो ।