Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Aug 2023 · 1 min read

ये कमाल हिन्दोस्ताँ का है

ताज़ीम आरती की है आदर अज़ाँ का है
दुनिया में ये कमाल तो हिन्दोस्ताँ का है

गंदी सियासतों ने बहारों को खा लिया
मौसम हमारे गांव में भी अब खज़ाँ का है

नाहक ही दुश्मनों को यह इल्जाम दे दिया
गुलशन उजाड़ने का जतन बाग़बाँ का है

तुम ज़लज़लों के खौफ से वाक़िफ़ नहीं रहे
इतना ग़ुरूर आज यह ऊँचे मकाँ का है

आंखों को क्या शऊर किसी की नहीं रहा
दुनिया में हर शिकार तुम्हारी कमाँ का है

उनवान जो हमारी कहानी का था कभी
किरदार अब वह और किसी दास्ताँ का है

होता है फैज़याब जहाँ से जहान सब
‘सुनते हैं वो मकान किसी ला मकाँ का है’

‘अरशद’ नहीं है कोई गिला गैर से हमें
गद्दार है तो कोई इसी कारवाँ का है

264 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कहते हो इश्क़ में कुछ पाया नहीं।
कहते हो इश्क़ में कुछ पाया नहीं।
Manoj Mahato
ज़िंदगी जीने के लिये क्या चाहिए.!
ज़िंदगी जीने के लिये क्या चाहिए.!
शेखर सिंह
"नित खैर मंगा सोणया" गीत से "सोणया" शब्द का न हटना साबित करत
*प्रणय*
धनतेरस और रात दिवाली🙏🎆🎇
धनतेरस और रात दिवाली🙏🎆🎇
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
* चाह भीगने की *
* चाह भीगने की *
surenderpal vaidya
समझ
समझ
मधुसूदन गौतम
मायका
मायका
Dr. Pradeep Kumar Sharma
3581.💐 *पूर्णिका* 💐
3581.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
कुछ रिश्ते भी बंजर ज़मीन की तरह हो जाते है
कुछ रिश्ते भी बंजर ज़मीन की तरह हो जाते है
पूर्वार्थ
छलते हैं क्यों आजकल,
छलते हैं क्यों आजकल,
sushil sarna
पुरवाई
पुरवाई
Seema Garg
बुंदेली दोहे- कीचर (कीचड़)
बुंदेली दोहे- कीचर (कीचड़)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
जीवन का जीवन
जीवन का जीवन
Dr fauzia Naseem shad
आँखों में अब बस तस्वीरें मुस्कुराये।
आँखों में अब बस तस्वीरें मुस्कुराये।
Manisha Manjari
*मन के भीतर बसा हुआ प्रभु, बाहर क्या ढुॅंढ़वाओगे (भजन/ हिंदी
*मन के भीतर बसा हुआ प्रभु, बाहर क्या ढुॅंढ़वाओगे (भजन/ हिंदी
Ravi Prakash
कहमुकरियाँ हिन्दी महीनों पर...
कहमुकरियाँ हिन्दी महीनों पर...
डॉ.सीमा अग्रवाल
प्रदूषण
प्रदूषण
Pushpa Tiwari
ଅତିଥି ର ବାସ୍ତବତା
ଅତିଥି ର ବାସ୍ତବତା
Bidyadhar Mantry
सुख-साधन से इतर मुझे तुम दोगे क्या?
सुख-साधन से इतर मुझे तुम दोगे क्या?
Shweta Soni
" कैसे "
Dr. Kishan tandon kranti
मौसम सुहाना बनाया था जिसने
मौसम सुहाना बनाया था जिसने
VINOD CHAUHAN
प्रेम में मिट जाता है, हर दर्द
प्रेम में मिट जाता है, हर दर्द
Dhananjay Kumar
दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला
दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ज़िंदगी को अब फुर्सत ही कहां,
ज़िंदगी को अब फुर्सत ही कहां,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
" ज़ेल नईखे सरल "
Chunnu Lal Gupta
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस
Dr Mukesh 'Aseemit'
*शिक्षा*
*शिक्षा*
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
ग़ज़ल (गुलों से ले आना महक तुम चुरा कर
ग़ज़ल (गुलों से ले आना महक तुम चुरा कर
डॉक्टर रागिनी
स्तुति - दीपक नीलपदम्
स्तुति - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
याद करने के लिए बस यारियां रह जाएंगी।
याद करने के लिए बस यारियां रह जाएंगी।
सत्य कुमार प्रेमी
Loading...