ये आज़ादी होती है क्या
ये आजादी होती है क्या
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जिसने शायद जिंदगी में कभी
खून का रंग भी न देखा हो
जिसके जीवन में आज तक कभी
जंग लड़ने का कोई लेखा हो
भूल से भी जो अपनी सीमा की
कभी पहरेदारी भी किया हो
सपने में भी किसी दुश्मन का
कभी सामना भी किया हो
उसको क्या मालूम होगा कि
ये आजादी होती है क्या
दूसरों की दी हुई रोटी पर जो
परिवार सहित पलते रहते
दिन रात परछाई बनकर
किसी के पीछे चलते रहते
चापलूसी के बल पर जो
हरदम हाॅं में हाॅं मिलाते
इसी से जिंदगी की गाड़ी को
सदा आगे की ओर बढ़ाते
उसको क्या मालूम होगा कि
ये आज़ादी होती है क्या
कन्या भ्रूण हत्या का डंक
कोई कहाॅं अपना होता है
लिंग भेद के चक्कर में
शिक्षा जिसका सपना होता है
अस्मत लूटने का खतरा
पल पल ही मंडराते रहता
असुरक्षा से भय के कारण
ऑंखें सदा ऑंसू बहाते रहता
उसको क्या मालूम होगा कि
ये आजादी होती है क्या
जिसने कितने खून बहा कर
न जाने कितने कोड़े खाए
लाख कष्ट सहने के बाद भी
जिसकी जिद्द को न कोई तोड़ पाए
लाख प्रताड़ना के बाद भी जिसने
अपना मुॅंह न कभी खोला हो
कितनी क्यों न पीड़ा हो जाय
देश के विरुद्ध कुछ न बोला हो
केवल उन्हीं को मालूम है कि
ये आजादी होती है क्या