यूं रूबरू आओगे।
यूं रूबरू आओगे तो अश्क छलक जायेंगे।
डरते है मिलने से हम फिरसे बहक जायेंगें।।1।।
बड़े मुश्किल से संभाला है मैने यूं दिल को।
शांत पड़े दिल ए शोले फिरसे दहक जायेंगे।।2।।
सुना है फूलों का नया शौक पाला है तुमने।
बनकर गजरा तेरी जुल्फों में महक जायेंगें।।3।।
अब मिलना मिलाना ना हो शायद इश्क में।
देखना तेरी गली से जनाजे में गुजर जायेंगें।।4।।
मरकर हम फिजाओं में खुशबू बन जायेंगें।
हम तेरे ही आस पास बहार बनकर आयेंगे।।5।।
तुमसे अच्छा कौन जानेगा मुझे दुनियां में।
जानें के बाद तुम्हें यादें बन करके सताएंगे।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ