यूं मंज़ील मिली
सनक ने छोड़ा था साथ
कसक ने थामा फिर हाथ
और मंज़ील मिली ।
आग़ाज रहा लापरवाह
अन्जाम की हुई परवाह
और मंज़ील मिली ।
नाकामयाबीयों की लम्बी तादाद
बस सबक रहा याद
और मंज़ील मिली ।
नसीहतों में नसीहत ढूँढी
तब जाकर अपनी कीमत ढूँढी
और मंज़ील मिली ।