यूँ हर एक चेहरे में मत ढूँढो तुम मुझको पूर्ण विद्रोही कलमकार
यूँ हर एक चेहरे में मत ढूँढो तुम मुझको पूर्ण विद्रोही कलमकार हूं,
संसार में मेरी भूमिका ही अलग है।
भले है बेतरतीब सी ज़िन्दगी तन्हाईयाँ अकेलापन पर सब कुछ खोकर भी मुस्कुराना सब कुछ पा कर भी अधूरा रह जाना अच्छा लगता है। पूर्णता मृत्यु है,
अधूरेपन से पूर्ण होने की कहानी ही ज़िन्दगी है, अधूरापन ज़िंदा रखता है, पूर्णता की उम्मीद में,सब कुछ पाकर फिर क्या होगा,
शून्यता बच जाएगी शून्यता मृत्यु है,पर मैं भी जीना चाहता हूँ,
“इसीलिए प्यार है मुझे,अपने अधूरेपन से
जिससे पूर्णता की तलाश में भटकता रहूँ,
युगों-युगों तक जन्मों तक और ज़िंदा रहूँ बस आखिरी साँस पर तुम आ जाना पूर्ण बनाने मुझे”…