Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Feb 2020 · 1 min read

यूँ तो कहने को हम तुम्हारे थे

यूँ तो कहने को हम तुम्हारे थे
रास्ते पर जुदा हमारे थे

गर्दिशों में कभी सितारे थे
हौसले ही बने सहारे थे

बीच मझदार में फ़ँसे थे पर
ढूँढ़ हमने लिये किनारे थे

दोस्तों के गले लगे जाकर
बोझ कुछ दिल के यूँ उतारे थे

आप थे साथ में हमारे जब
बस बहारों के ही नज़ारे थे

आज गुमनामियों ने घेरा है
नाम के अपने भी सितारे थे

‘अर्चना’ हौसला नहीं कम था
अपनों से जानकर ही हारे थे

18-02-2020
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

5 Likes · 4 Comments · 354 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
रो रो कर बोला एक पेड़
रो रो कर बोला एक पेड़
Buddha Prakash
कान्हा
कान्हा
Mamta Rani
जिंदगी है कोई मांगा हुआ अखबार नहीं ।
जिंदगी है कोई मांगा हुआ अखबार नहीं ।
Phool gufran
23/22.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/22.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जिंदगी का चमत्कार,जिंदगी भर किया इंतजार,
जिंदगी का चमत्कार,जिंदगी भर किया इंतजार,
पूर्वार्थ
जब ज़रूरत के
जब ज़रूरत के
Dr fauzia Naseem shad
🙅भविष्यवाणी🙅
🙅भविष्यवाणी🙅
*Author प्रणय प्रभात*
कभी कभी ज़िंदगी में लिया गया छोटा निर्णय भी बाद के दिनों में
कभी कभी ज़िंदगी में लिया गया छोटा निर्णय भी बाद के दिनों में
Paras Nath Jha
पता नहीं कब लौटे कोई,
पता नहीं कब लौटे कोई,
महेश चन्द्र त्रिपाठी
नेता हुए श्रीराम
नेता हुए श्रीराम
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
जब तुम्हारे भीतर सुख के लिए जगह नही होती है तो
जब तुम्हारे भीतर सुख के लिए जगह नही होती है तो
Aarti sirsat
“आँख के बदले आँख पूरी दुनिया को अँधा बना देगी”- गांधी जी
“आँख के बदले आँख पूरी दुनिया को अँधा बना देगी”- गांधी जी
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
ये कैसी शायरी आँखों से आपने कर दी।
ये कैसी शायरी आँखों से आपने कर दी।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
किधर चले हो यूं मोड़कर मुँह मुझे सनम तुम न अब सताओ
किधर चले हो यूं मोड़कर मुँह मुझे सनम तुम न अब सताओ
Dr Archana Gupta
एकाकीपन
एकाकीपन
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
जो गगन जल थल में है सुख धाम है।
जो गगन जल थल में है सुख धाम है।
सत्य कुमार प्रेमी
मैं हूँ ना
मैं हूँ ना
gurudeenverma198
"कारवाँ"
Dr. Kishan tandon kranti
नया सवेरा
नया सवेरा
नन्दलाल सुथार "राही"
बाबा साहब एक महान पुरुष या भगवान
बाबा साहब एक महान पुरुष या भगवान
जय लगन कुमार हैप्पी
अर्थ  उपार्जन के लिए,
अर्थ उपार्जन के लिए,
sushil sarna
रिश्ता
रिश्ता
Santosh Shrivastava
पुस्तकें
पुस्तकें
डॉ. शिव लहरी
बसंत का आगम क्या कहिए...
बसंत का आगम क्या कहिए...
डॉ.सीमा अग्रवाल
मेरी चाहत रही..
मेरी चाहत रही..
हिमांशु Kulshrestha
मेरा देश एक अलग ही रसते पे बढ़ रहा है,
मेरा देश एक अलग ही रसते पे बढ़ रहा है,
नेताम आर सी
तुम चाहो तो मुझ से मेरी जिंदगी ले लो
तुम चाहो तो मुझ से मेरी जिंदगी ले लो
shabina. Naaz
*अम्मा जी से भेंट*
*अम्मा जी से भेंट*
Ravi Prakash
आंख खोलो और देख लो
आंख खोलो और देख लो
Shekhar Chandra Mitra
प्री वेडिंग की आँधी
प्री वेडिंग की आँधी
Anil chobisa
Loading...