यूँ कोई राज़दार मत करना
यूँ कोई राज़दार मत करना
एकदम ऐतबार मत करना
सामने से लड़ो भले कुछ हो
पीठ पीछे से वार मत करना
है न इक़रार तो अभी कह दो
फ़िर से वादे हज़ार मत करना
घर का आंगन भले ही बंट जाये
दिल में लेकिन दिवार मत करना
एक अच्छी भी बात देखो ग़र
ग़ल्तियों को शुमार मत करना
इक दफ़ा हो अगर तो माफ़ी है
इक ख़ता बार – बार मत करना
सह भी लेना अगर कमी हो कुछ
सर पे हरगिज़ उधार मत करना
दिल की सुनना सदा हक़ीक़त में
ज़ह् न पर ऐतबार मत करना
दे रहा हूं सलाह दुनिया को
बस रवायत से प्यार मत करना
दिल का ‘आनन्द’ ख़याल रखना है
दिल दुखाकर के चार मत करना
– डं आनन्द किशोर