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18 Jul 2019 · 1 min read

यूँ कदम अपने ज़माने से मिलाए रखिये

यूँ कदम अपने ज़माने से मिलाए रखिये
है तक़ाज़ा-ए-अदब आँखें झुकाए रखिये

ज़िन्दगी चलती है सपनों का सहारा लेकर
इनको आंखों में हमेशा ही सजाये रखिये

ज्ञान देता है जो अच्छे या बुरे का हमको
अपने अंदर का वो इंसान बचाए रखिये

मन है शैतान भटक जाएगा तन्हाई में
खाली मत बैठिए इस मन को लगाए रखिये

‘अर्चना’ है नहीं आसान यहाँ कुछ पाना
हौसला टूटे न विश्वास बनाए रखिये

18-07-2019
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

3 Likes · 1 Comment · 277 Views
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