युवा
न हो युवा ग्रसित कभी जीवन की निराशा से,
चुनौतियों को भी जीत लो अप्रतिम आशा से।
तुम समाज के नये आश हो नये प्रकाश हो ,
राष्ट्र निर्माण के नवसृजन में नवप्रभात हो।।
।।रूचि दूबे।।
न हो युवा ग्रसित कभी जीवन की निराशा से,
चुनौतियों को भी जीत लो अप्रतिम आशा से।
तुम समाज के नये आश हो नये प्रकाश हो ,
राष्ट्र निर्माण के नवसृजन में नवप्रभात हो।।
।।रूचि दूबे।।