युद्ध…!
खरीद लू इस दुनिया के तमाम हथियार
और आग की भट्टी में उसको जला दूँ,
नफरत की इस दुनिया में
प्रेम से हर मसले को सुलझा दूँ,
जो बेटा अपनी माँ से दूर,
किसी बॉर्डर पर तैनात किया गया है,
उनके मन में अपने बेटे की लौट आने की उम्मीद बना दूँ,
बच्चे जो युद्ध के समय घरों में बंद पड़े है
खोल दरवाज़े उनके घरों के
पंझी की तरह उनको खुले आकाश में उड़ा दूँ,
युद्ध की जो हवा उड़ चली है देशों के बीच,
उसमें इंसानियत की हवा घोल दूँ..!
~ गरिमा प्रसाद 🥀