युद्ध नहीं अब शांति चाहिए
विश्व शांति साधक बने,रोके सारे जंग।
रहे प्रेम-सौहार्द से,मेल-जोल के संग।।
महाविनाशक युद्ध है,कहे वेद-इतिहास।
मिले सफलता शांति से,समृद्धि और विकास।।
नहीं फायदा युद्ध से,केवल करे विनाश।
चुनो शांति का रास्ता,सुखद स्वच्छ आकाश।।
बहुत हुआ हम लड़ चुके,करे नहीं अब वार।
शांतिदूत बनकर चले,बाँटे जग में प्यार।।
शर्मसार इंसानियत,पिया निरागस रक्त।
युद्ध नहीं अब चाहिए,बनें शांति का भक्त।।
युद्ध कभी हित में नहीं,जाने सकल जहान।।
पकड़ शांति का रास्ता,बने अशोक महान।
अब तो खेतों में कभी,पड़े न खूनी खाद।
उगे शांति सुुख की फसल,हर घर हो आबाद।।
सत्य शांति सद्भावना,रखना उच्च विचार।
मानवता मन में धरो,उगलो मत अंगार।।
होता केवल युद्ध से, जन-धन का नुकसान।
पहले ढ़ूँढ़ें रास्ता,अंत युद्ध को मान।।
-लक्ष्मी सिंह