या खुदा तेरा ही करम रहे।
गज़ल- 6
या खुदा तेरा ही करम रहे, के बिना तेरे है गुजर नहीं।
मैं दुआ करूं तो फिजूल है, के दुआ में है वो असर नहीं।
हैं कठिन बहुत सभी मंजिलें, जो भी पा गये वो कमाल हैं,
जो किसी बशर को भी छांव दे, है वो रास्ते में शजर नहीं।
मेरे दोस्त तुझ से है दोस्ती, मुझे दुश्मनों सा दगा न दे।
मेरे राज ए दिल को तु खोलकर, मेरे पंख अब तू कुतर नहीं।
तेरी रहबरी पे गुरूर है, मुझे डर है छोड़ न जाए तू,
तू रहे तो है मेरी जिंदगी, मुझे मौत का भी है डर नहीं।
हैं नहीं जहां में वो हीर से, न ही रांझे जैसे वो दिलजले,
के लगा भी दें जो है दांव पे, है वो प्रेमियों में जिगर नहीं।
………✍️ सत्य कुमार प्रेमी