यार… फिर, ऐसे कैसे?
ना हम कुछ कह सके,
ना तुम सुनने को तैयार हुए,
यार… फिर, ऐसे कैसे?
हम दोनों यार हुए।
ना मोहब्बत का खुमार चढ़ा,
ना इश्क में बीमार हुए,
यार… फिर, ऐसे कैसे?
हम दोनों यार हुए।
ना हम करीब तुम्हारे आये,
ना तुम मिलने को बेकरार हुए,
यार… फिर, ऐसे कैसे?
हम दोनों यार हुए।
ना तुमने हमें देखा,
ना हमें तुम्हारे दीदार हुए,
यार… फिर, ऐसे कैसे?
हम दोनों यार हुए।
ना ज्यादा वक़्त साथ में बीता,
ना प्यार के किस्से दो- चार हुए,
यार…फिर, ऐसे कैसे?
हम दोनों यार हुए।
ना मैंने तुम्हारी सुनी,
ना तुममें कोई सुधार हुए,
यार…फिर, ऐसे कैसे?
हम दोनों यार हुए।
– मानसी पाल