यायावरी
जब तक रहा जहाँ मे हर वक्त सफर मे था
रूके कदम तो बस जब तलक कफन मे था
पहुंचे खुदा के समाने वो भी दिल्लगी कर उठा
सच मे कफन मे था या तब भी सफर मे था
रब की दिल्लगी पे हम भी मुस्कुरा के बोले
यायावरी की फितरत का आलम न पूछिए हुजूर
कफन की क्या बिसात कफन की छोड़िए हुजूर
कफन तो फकत बदन मे था “अयन” तो सफर मे था
M.Tiwari”Ayen”