याद
याद
मिटाओगे कहाँ तक मेरी यादें, हम हर मोड़ पर लफ्जों की वीरानी छोड़ जायेगें l
कैसे बीतेगी तुम्हारी सुबह-शाम,हम चाँद की नमी और सूरज की तपन छोड़ जायेंगे ll
हम बदनाम ही सही तेरी गलियो में अपने कदमो के सहमे निशान छोड़ जाएंगे l
कैसे गुजर सकोगे उन राहो से जिनपे हम रूह को छूती हवाओ को छोड़ जाएंगे ll
भुला न सकोगे वो यादे वो प्यार की बाते हम ऐसी जीवन गाथा छोड़ जायंगे l
तुम संग बिताये हुए हसीन पलो का एक महकता हुआ गुलशन छोड़ जाएंगे ll
तरसोगे एक एक पल को जीने के लिये, ऐसी बदलती हुई रुत हम छोड़ जायेंगे l
रूह तो तेरी जाएगी मेरे साथ ही,तेरे लिये जिस्म की सूनी हवेली छोड़ जाएंगे ll
आज करते हो किनारा बेवजह हम से, हम जीने की ऐसी वजह छोड़ जाएंगे l
ख्वाहिशें रोज़ दंगे करेंगी दिल में,रिश्तों में अक्सर लगा कर्फ्यू छोड़ जायेंगे ll
बख्शी है जो हमने मुफ्त में, प्यार की दौलत के वो खजाने ढूंढते रह जाओगे l
न मिलेगी बादशाहो के खजाने मे भी,ऐसे प्रेम आलिंगन की कमी छोड़ जायेंगे ll
मिटाओगे कहाँ तक मेरी यादें, हम हर मोड़ पर लफ्जों की वीरानी छोड़ जायेगें l
कैसे बीतेगी तुम्हारी सुबह-शाम,हम चाँद की नमी और सूरज की तपन छोड़ जायेंगे ll
***** निवातियाँ डी. के. ****