Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jun 2024 · 1 min read

*तेरी याद*

मैं तुम्हें दिन में हज़ार बार नहीं
बस एक बार याद करता हूं
फिर सारा दिन बस याद करता जाता हूं

जानते है चांद तारे और वृक्ष सारे
बस जाने क्यों तू ही नहीं जानता
मैं तुझे जान से भी ज़्यादा प्यार करता हूं

जब देखता हूं तुम्हें खो जाता हूं कहीं
दिल में अजब सी अधीरता उभर आती है
भूलकर सबकुछ फिर तेरा ही ध्यान करता हूं।

4 Likes · 2 Comments · 252 Views
Books from सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
View all

You may also like these posts

बंसत पचंमी
बंसत पचंमी
Ritu Asooja
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
मेरी किस्मत
मेरी किस्मत
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
इंसान अच्छा है या बुरा यह समाज के चार लोग नहीं बल्कि उसका सम
इंसान अच्छा है या बुरा यह समाज के चार लोग नहीं बल्कि उसका सम
Gouri tiwari
"लकड़ी"
Dr. Kishan tandon kranti
जा रहे हो तुम अपने धाम गणपति
जा रहे हो तुम अपने धाम गणपति
विशाल शुक्ल
व्यावहारिक सत्य
व्यावहारिक सत्य
Shyam Sundar Subramanian
स्नेह
स्नेह
Rambali Mishra
वो राम को भी लाए हैं वो मृत्युं बूटी भी लाए थे,
वो राम को भी लाए हैं वो मृत्युं बूटी भी लाए थे,
शेखर सिंह
जन्मदिन शुभकामना
जन्मदिन शुभकामना
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
जैसे कि हर रास्तों पर परेशानियां होती हैं
जैसे कि हर रास्तों पर परेशानियां होती हैं
Sangeeta Beniwal
माँ सरस्वती की वंदना
माँ सरस्वती की वंदना
Dr Archana Gupta
यूनिवर्सिटी के गलियारे
यूनिवर्सिटी के गलियारे
Surinder blackpen
*मातृछाया*
*मातृछाया*
ABHA PANDEY
जय हो जय हो महादेव
जय हो जय हो महादेव
Arghyadeep Chakraborty
अनंतनाग में परचम फहरा गए
अनंतनाग में परचम फहरा गए
Harminder Kaur
विरह की वेदना
विरह की वेदना
Kirtika Namdev
चर्बी लगे कारतूसों के कारण नहीं हुई 1857 की क्रान्ति
चर्बी लगे कारतूसों के कारण नहीं हुई 1857 की क्रान्ति
कवि रमेशराज
आओ दीप जलायें
आओ दीप जलायें
डॉ. शिव लहरी
*आजादी हमसे छीनी यदि, तो यम से भी टकराऍंगे (राधेश्यामी छंद )
*आजादी हमसे छीनी यदि, तो यम से भी टकराऍंगे (राधेश्यामी छंद )
Ravi Prakash
ग़ज़ल _ करी इज़्ज़त बड़े छोटों की ,बस ईमानदारी से ।
ग़ज़ल _ करी इज़्ज़त बड़े छोटों की ,बस ईमानदारी से ।
Neelofar Khan
जो तुम्हारी ख़ामोशी से तुम्हारी तकलीफ का अंदाजा न कर सके उसक
जो तुम्हारी ख़ामोशी से तुम्हारी तकलीफ का अंदाजा न कर सके उसक
इशरत हिदायत ख़ान
मृत्यु मेरी दोस्त
मृत्यु मेरी दोस्त
Sudhir srivastava
*जीने न दें दो नीले नयन*
*जीने न दें दो नीले नयन*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सबसे पहले वो मेरे नाम से जलता क्यों है।
सबसे पहले वो मेरे नाम से जलता क्यों है।
Phool gufran
बेकार बाटे सादगी
बेकार बाटे सादगी
आकाश महेशपुरी
24/248. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/248. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ऑनलाइन शॉपिंग
ऑनलाइन शॉपिंग
Shekhar Chandra Mitra
😢😢
😢😢
*प्रणय*
झुलसता जीवन
झुलसता जीवन
C S Santoshi
Loading...