याद
मेरे पास छोड़ जाओ,
अपनी यादों के मौसम से निकाल कर,
कुछ रुई के गोले से बादल,
जो बरस जाए जब भी मैं चाहूँ,
तेरी यादों में भीगना,
कोरी आँखों में क़तरे भरना,
और तेरे होने का अहसास जगाना,
मुझे ले आए जो सब भुला कर,
तेरे क़रीब, फिर से तेरे क़रीब