याद…..
याद….
आज फिर उनकी याद मे रो कर रात गुजारा हमने..!
बिना निंद के आँखों से सपनों को सवाँरा हमने..!
जिंदगी के राहों मे इतनी ठोकरें खायी थी हमने..!
कि चाहा ही नही किसी का फिर सहारा हमने..!
गमों ने जख्मों को खुरेचने की जब भी कोशिश की..!
आँसूओ को छुपाकर गमों से रखा किनारा हमने..!
मौत से पहले ही ज़िन्दगीे सुला न दे हमे कहीं…!
तड़प तड़प कर कई बार उन्हे पुकारा हमने…!
विनोद सिन्हा-“सुदामा”