याद रखना…
याद रखना…
किसी के दिल में प्रेम का बीज बोना बहुत ही आसान काम है , लेकिन जबतक वह बीज , वृक्ष का रुप न धारण कर ले तब तक उसका ख्याल रखना हर किसी के बस की बात नहीं…
ऋतुएँ परिवर्तित होगी , डाली सहित पत्ते टूटेंगे , जो बचेगा उसे तोड़ने बंजारे आयेंगे, हवाएँ जड़ से उखार फेकने को आतुर होंगे, और उस वक्त पेड़ विरान नजर आयेगा …
पर ध्यान रखना
फिर से ऋतुयें परिवर्तित होगी , इस बार पत्ते सहित डालियाँ आयेगी, हर कोई पत्तों की उस घनी छाब में ठहरना चाहेगा, हवाएं खुद व खुद माध्यम हो जायेगी, और तुम खुद महसूस कर सकोगी एक बीज को वृक्ष बनते हुए…