याद दिल में जब जब तेरी आईं
#याद दिल में जब जब तेरी आई
जब जब फुल बहारों में खिले,
अरमान जागे जागी प्रित सोई ।
इन हसीन वादियों से मिलने चले,
याद दिल में जब जब तेरी आई।।
अब के मौसम में बहुत फुल खिले,
जैसे सब आशिकों पे बहार फिदा हुईं।
दिल मे है गहरी यादों के मेले,
फुलो के संग मयूरी नाच रोई।।
याद दिल में जब जब तेरी आई…
ओ धरती गुलशन इस प्रित में नहालें,
आसमान में है गम की घटा छाई।
गुलमोहर चंपा चमेली मेरे साथ हो ले,
गुलशन में खुश्बू मेरे महबूब की आई।।
याद दिल में जब जब तेरी आई…
है नसीब में क्यूँ इतने फाँसले,
ना जागे निंद में से किस्मत सोई।
फिजाओं बहारों जरा मुझे देखले,
याद में उसकी आँखें कितनी रोई।।
याद दिल में जब जब तेरी आई…
स्वरचित, अप्रकाशित, मौलिक – कृष्णा वाघमारे, जालना, महाराष्ट्र.