यादों के सफ़र में
प्रारम्भिक बोल
विगत बीत गया अब आगत का स्वागत
स्वागत स्वागत है अब नवागत- स्वागत
भले- बुरे पल को बुरे कल को अब भूल
झूल-झूम खुशियों में विगत को ना भूल
यादों के सफ़र में ज़रा घूम के आयें
भूला हुआ कल – पल भूल ना जायें
क्या क्या किया हमने कल भूल ना जाये
यादों के सफ़र में हम ज़रा घूम के आयें
ज़रा झूम के गाये ज़रा घूम के गायें
नववर्ष तराने हम-तुम झूम के गायें
संग-संग हम-तुम घूमे और झूमें
और संग-संग हमारे जमाना झूमें
गायें तराने प्रेम के हम संग-संग
रग-रग में समाये ये प्रेम-रंग-रंग
रंग फीका लगे सारा रंग प्रेम के आगे
अब जागे ज़माना या पीछे-पीछे भागे
यादों के सफ़र में ज़रा घूम के आयें
भूला हुआ कल -पल भूल ना जायें
आया है नया वर्ष ख़ुशी से हम मनाये
लाया है नयी रंगत नयी पंगत सजायें
क्या अपने क्या पराये प्रीत सबसे निभाये
है भारत की ये रीत – प्रीत सबसे निभाये
यादों के सफ़र में ज़रा घूम के आयें
भूला हुआ कल – पल भूल ना जायें
मधुप बैरागी