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5 Jul 2017 · 1 min read

यादों के सैलाबों में ….

यादों के सैलाबों में ….

शराबों में शबाबों में ख़्वाबों की किताबों में
..ज़िंदगी उलझी रही सवालों और जवाबों में
………कैद हूँ मुद्दत से मैं आरज़ूओं के शहर में
……………ज़िन्दा रहे वो हमेशा यादों के सैलाबों में

सुशील सरना

Language: Hindi
308 Views
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