Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Mar 2023 · 1 min read

जन्नतों में सैर करने के आदी हैं हम,

जन्नतों में सैर करने के आदी हैं हम,
खिलते हुए बाग के माली हैं हम।
तमन्नाओ में सजा के रखा है गुलाब,
कैसे कहें प्रिय प्रेम के पुजारी हैं हम।।

तुम्हारी मुस्कराहट पर जिंदा परिंदे हैं हम,
अज़ल की कलम ने लिखा है ज़िंदा हैं हम।
तुम्हारी पड़ोस के मस्जिद के नमाजी हैं हम,
कैसे कहें प्रिय प्रेम के पुजारी हैं हम।।

चाहतो का ये बाज़ार चहलकदमी में है,
कैसे बताए तुम्हें कितनी गर्मी में हैं हम।
सूख न जाये प्रिये ये मेरे लहू का कतरा,
कैसे बतायें तुम्हें कितनी जल्दी में हैं हम।।

प्यार में तुम्हारे जान कितने जल्दी में हैं हम,
कैसे बतायें तुम्हें की दोस्त की हल्दी में हैं हम।
तुम्हारी मुस्कराहट पर जिंदा परिंदे हैं हम,
अज़ल की कलम ने लिखा है ज़िंदा हैं हम।।

लवकुश यादव “अज़ल”
अमेठी, उत्तर प्रदेश

2 Likes · 203 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
🙏❌जानवरों को मत खाओ !❌🙏
🙏❌जानवरों को मत खाओ !❌🙏
Srishty Bansal
*मुक्तक*
*मुक्तक*
LOVE KUMAR 'PRANAY'
फासीवाद के ख़तरे
फासीवाद के ख़तरे
Shekhar Chandra Mitra
शोभा वरनि न जाए, अयोध्या धाम की
शोभा वरनि न जाए, अयोध्या धाम की
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
ॐ
Prakash Chandra
चन्द्रयान
चन्द्रयान
Kavita Chouhan
प्रेम उतना ही करो
प्रेम उतना ही करो
पूर्वार्थ
दोहे - नारी
दोहे - नारी
sushil sarna
■ दोनों पहलू जीवन के।
■ दोनों पहलू जीवन के।
*Author प्रणय प्रभात*
मेरा प्रेम पत्र
मेरा प्रेम पत्र
डी. के. निवातिया
पढ़ाई
पढ़ाई
Kanchan sarda Malu
जाने  कौन  कहाँ  गए, सस्ते के वह ठाठ (कुंडलिया)
जाने कौन कहाँ गए, सस्ते के वह ठाठ (कुंडलिया)
Ravi Prakash
भले हमें ना पड़े सुनाई
भले हमें ना पड़े सुनाई
Ranjana Verma
तुम्हें जन्मदिन मुबारक हो
तुम्हें जन्मदिन मुबारक हो
gurudeenverma198
जब सांझ ढल चुकी है तो क्यूं ना रात हो
जब सांझ ढल चुकी है तो क्यूं ना रात हो
Ravi Ghayal
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
Otteri Selvakumar
क्या लिखते हो ?
क्या लिखते हो ?
Atul "Krishn"
गम के पीछे ही खुशी है ये खुशी कहने लगी।
गम के पीछे ही खुशी है ये खुशी कहने लगी।
सत्य कुमार प्रेमी
तुम याद आ रहे हो।
तुम याद आ रहे हो।
Taj Mohammad
मैं उसके इंतजार में नहीं रहता हूं
मैं उसके इंतजार में नहीं रहता हूं
कवि दीपक बवेजा
दो शे'र
दो शे'र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
आज का आम आदमी
आज का आम आदमी
Shyam Sundar Subramanian
वाह मेरा देश किधर जा रहा है!
वाह मेरा देश किधर जा रहा है!
कृष्ण मलिक अम्बाला
आंखों की नशीली बोलियां
आंखों की नशीली बोलियां
Surinder blackpen
ससुराल का परिचय
ससुराल का परिचय
Seema gupta,Alwar
💐प्रेम कौतुक-172💐
💐प्रेम कौतुक-172💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
उसे गवा दिया है
उसे गवा दिया है
Awneesh kumar
श्राद्ध
श्राद्ध
Mukesh Kumar Sonkar
“पहाड़ी झरना”
“पहाड़ी झरना”
Awadhesh Kumar Singh
बचपन से जिनकी आवाज सुनकर बड़े हुए
बचपन से जिनकी आवाज सुनकर बड़े हुए
ओनिका सेतिया 'अनु '
Loading...