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2 May 2024 · 1 min read

यादों के सायों की

तेरी याद बहुत सताती है
यूं तो मैं हूं तेरी ही
परछाई पर
कोई जिंदा ‘जीवित’ के समान नहीं
होते हैं
यादों के सायों की कहां
कभी कोई
जिंदा चलती फिरती परछाई
लाख चाहने पर भी
बन पाती है।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
1 Like · 19 Views
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