Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jun 2024 · 1 min read

” यादें “

” यादें ”
कौन निभाता है उम्र भर
किसी का साथ यारों,
मगर लम्हों की जिन्दगी को
ये जिन्दगी भूल ना सकी.

2 Likes · 2 Comments · 22 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
3072.*पूर्णिका*
3072.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मौत का डर
मौत का डर
अनिल "आदर्श"
रिसाइकल्ड रिश्ता - नया लेबल
रिसाइकल्ड रिश्ता - नया लेबल
Atul "Krishn"
समय संवाद को लिखकर कभी बदला नहीं करता
समय संवाद को लिखकर कभी बदला नहीं करता
Shweta Soni
विडंबना
विडंबना
Shyam Sundar Subramanian
आपस की दूरी
आपस की दूरी
Paras Nath Jha
पितृ दिवस
पितृ दिवस
Ram Krishan Rastogi
आज फिर दर्द के किस्से
आज फिर दर्द के किस्से
Shailendra Aseem
दिन भर घूमती हैं लाशे इस शेहर में
दिन भर घूमती हैं लाशे इस शेहर में
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
वक्ता का है तकाजा जरा तुम सुनो।
वक्ता का है तकाजा जरा तुम सुनो।
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
#सामयिक_गीत :-
#सामयिक_गीत :-
*प्रणय प्रभात*
तुम्हारा प्यार मिले तो मैं यार जी लूंगा।
तुम्हारा प्यार मिले तो मैं यार जी लूंगा।
सत्य कुमार प्रेमी
" मिलकर एक बनें "
Pushpraj Anant
ये फुर्कत का आलम भी देखिए,
ये फुर्कत का आलम भी देखिए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
में बेरोजगारी पर स्वार
में बेरोजगारी पर स्वार
भरत कुमार सोलंकी
गम इतने दिए जिंदगी ने
गम इतने दिए जिंदगी ने
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
एक क्षणिका :
एक क्षणिका :
sushil sarna
राम की धुन
राम की धुन
Ghanshyam Poddar
What consumes your mind controls your life
What consumes your mind controls your life
पूर्वार्थ
तू मुझे क्या समझेगा
तू मुझे क्या समझेगा
Arti Bhadauria
*जिंदगी के कुछ कड़वे सच*
*जिंदगी के कुछ कड़वे सच*
Sûrëkhâ
#अज्ञानी_की_कलम
#अज्ञानी_की_कलम
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
बेटी से प्यार करो
बेटी से प्यार करो
Neeraj Agarwal
समकालीन हिंदी कविता का परिदृश्य
समकालीन हिंदी कविता का परिदृश्य
Dr. Pradeep Kumar Sharma
तू आ पास पहलू में मेरे।
तू आ पास पहलू में मेरे।
Taj Mohammad
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
"उम्मीदों की जुबानी"
Dr. Kishan tandon kranti
ना मुमकिन
ना मुमकिन
DR ARUN KUMAR SHASTRI
साझ
साझ
Bodhisatva kastooriya
अब किसपे श्रृंगार करूँ
अब किसपे श्रृंगार करूँ
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
Loading...