यादें….!!!!!
फिर आज आँखों में यादें बसी है वो कुछ पुरानी….
कभी ज़िंदगी में खुशियाँ थी,
आज ज़िंदगी बनकर रह गई है एक कहानी।।।
यादों के दरिया में हम फ़िर से डूब गए….
कभी हुआ करते थे हाथों में हाथ अब वो छूट गए।।।
टकरा गई फिर से भूली बिसरी यादें राहों में….
हमने बसा लिया फिर उन्हें अपनी इन खामोशी से भरी निगाहों में।।।
असंवेदनाओं के बाज़ार में रूहें ज़ख़्मी है….
दिलों का टूटना तो यहाँ लाज़मी है।।।
ईश्वर का जैसे इस धरा पर वजूद है….
कुछ ऐसे ही वो इन यादों में मौजूद है।।।
हो कुछ भी भले ही मोहब्बत- ए-अंजाम….
दिल पर लिख गया है बस उसी का नाम।।।
दुनिया के शोर में गुम हो गई है ये दर्दे दिल की आवाज़….
टूटना है, बिखरना है फिर होगा एक नई कहानी का आगाज़।।।
मोहब्बत के सफ़र के राही हैं हम और मंजिल है हमारी विरह….
फिर जिंदगी की किताब के पन्नों में सिमट जाएगी ये दास्ताँ कुछ इस तरह।।।
यादों का अंतिम क्षणों तक रहना तो ज़ाहिर है….
इस सफ़र में हम महज़ दो पल के मुसाफ़िर हैं।।।
-ज्योति खारी