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9 Jan 2020 · 1 min read

यादें

तुम आ जाती हो,
साँझ सवेरे ।
मन की गहराइयों,
में बसी हो मेरे ।।

बचपन की गलियों से,
गुजर कर आती ।
तीज त्यौहार की उमंग,
तुम हो लाती ।।

मित्रों के चित्रों से ,
होकर तुम सज्जित ।
हँसी और खुशी को,
संग लाती नित नित ।।

भौर की सुंदर बेला,
पंछियों का चहचहाना ।
संध्या की स्वर्ण रश्मि,
बारिश में वो नहाना ।।

मेरा सब कुछ तुम हो,
दिल में बसे वादें हो।
कौन हो तुम, कौन हो,
तुम मेरी यादें हो ।।
।।जेपीएल।।

Language: Hindi
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