यादें
मेरी याद का कोई कतरा
जब रखोगे तुम अपनी आँखों में
तो शायद……..
तुम्हारी आँखों भी नम होंगी ,उसी तरह
जिस तरह मेरी आँखों भीग जाती हैं
तेरी हर याद पर।
पर तुम तो बेफिक्र हो इन यादों से
मुझे यकीं नहीं है फिर भी
तुम मेरी याद का कोई कतरा
अपनी आँखों में रखते तो होगे
शायद ………..
पारुल शर्मा