यादें मेरी
क़लम से अपने पैगाम छोड़ जायेंगे,
अपनी यादों के कुछ निशां छोड़ जायेंगे।
रुखसत जब होंगे आपकी दुनिया से,
हंसती हुई आंखों में ग़म के बयां छोड़ जायेंगे।
बंद पलकों में भी भुलना गंवारा ना हो वो समां छोड़ जायेंगे,
रेत की जमीन पर मजबूत एक मकान छोड़ जायेंगे।
क़दमों में आपके खुशियों का एक जहां छोड़ जायेंगे,
मुझको ढुंढना अपने दिलों में खुद को वहां छोड़ जायेंगे।