याचना नहीं अब रण होगा
बहुत हुआ अब नहीँ सहेँगे
याचना नहीँ अब रण होगा ,
आरक्षण जो नही हटा तो
अब युद्ध भीषण होगा ।
डीगेँगे अब ना इस पथ से हम
मार्ग चाहे जटील होगा ,
मेधा का अब करेँगे रक्षण
वक्त कितन भी कठीन होगा ,
गगन धरा को दिखलायेँगे
संख नाद प्रवल होगा
आरक्षण जो नहीँ हटा तो
अब युद्ध भीषण होगा ।
विनाशकारी इस कुब्यवस्था को
अब ना हम टीकने देँगे,
चाहेँ अब हम खुद मिट जायेँ
मेधा को ना मिटने देँगे
मेधा को सम्मान दिलाना
एक मात्र अब लक्ष्य होगा,
आरक्षण जो नहीँ हटा तो
अब युद्ध भीषण होगा ।
एक देश के हम सब वाशी
हमसे क्योँ दोयम ब्यवहार
एक को मिलता रोजी – रोटी
दुसरा क्यो है बेरोजगार
योग्यता को अधिकार दिलाना
यहीं हमारा ध्ये होगा
आरक्षण जो नहीँ हटा तो
अब युद्ध भीषण होगा
…..
©®पं.संजीव शुक्ल सचिन
दिल्ली