यह नया साल क्यो यारो ?
लोग साल बदलने का इंतजार करते,
हम इंसान बदलने का इंतजार करते हैं।
जब भी सुबह अखबार निकाल कर पढ़ते है,
हत्या अपहरण रेप भ्रष्टाचार को देखते है।।
यह नया साल क्या यारों ?
वह पुराना साल क्या यारों ?
अगर बदलना ही है तो ,
अपने अंदर की सोच को बदलो,
जिस दिन बदल जाएंगे हम,
उस दिन नया कुछ दिखेगा।
समाज में ख़ुशी देश तरक्की करेगा,
उस दिन से प्रतिदिन नव वर्ष मनेगा।
जिस दिन अखबारों के पन्ने में,
यह लिखा दिखेगा कि,
आज रहा भारत का स्वर्णिम दिन।
उसी दिन मना लेंगे हम,
नव वर्ष का पहला दिन।।