यह थाली के बैंगन हैं
यह थाली के बैंगन हैं, हर समय लुढ़कते पाएँगे,
चार पतले हैं, बच्चों को खाने नहीं देंगे।
सब्ज़ी के राजा, बैंगन बड़े शर्मीले,
चोट लगने पर बच नहीं सकते इन्हें फूलों की तरह खिले।
ठंड में उबले, गर्मी में फ़्लाइट लेंगे,
एक्सप्रेस बैंगन, रेस्टोरेंट में नाम बनाएँगे।
कटोरी में सजे, चटनी से मिले ये अच्छे,
पकोड़े के साथ जोड़े, मौका नहीं छोड़े बेचने हो जब ख़ासे।
दूसरी सब्ज़ी के साथ, बैंगन मिलाएँगे,
उचित भूमिका निभाएँगे, स्वाद बढ़ाएँगे।
प्याज़ के साथ फ्राई, बैंगन यूं हंसेंगे,
तीखी मिर्च सहेजे, जीवन में मज़े करेंगे।
विभिन्न रंगों के, बैंगन दिखेंगे सजीले,
सबको ख़ुश करेंगे, हंसी उड़ाएंगे सबकी दिलील।
चार पतले हैं, पर खाने में असली मज़ा हैं,
ये हैं थाली के बैंगन, जो हर समय लुढ़कते पाएँगे।