यह तो वक्त वक्त की बात है जनाब !
यह कई ज़माने से होता आया है ,
एक शायर को उसके अपने ही साथ नहीं देते ।
सुनाए गर दिल का हाल शायरी में ,
झूठा ही सही कोई दाद भी नही देते।
हां ! अगर खुशकिस्मती से कामयाब हो जाए,
तो तारीफ के कसीदे जुबां से निकलते नहीं थकते।
यह तो नसीब का खेल है जनाब !
वरना लाख मेहनत कर लो ,
और गुजारिश कर लो खुदा से,
बिना उसकी मर्जी के वक्त के तेवर नहीं बदलते ।